बजट में हेल्थ सेक्टर पर खर्च दोगुना से अधिक किया, 94,452 करोड़ रुपये का प्रस्ताव
सरकार ने हेल्थ सेक्टर पर 2.2 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव रखा है.
सरकार चालू वित्त वर्ष में स्वास्थ्य क्षेत्र पर 94,452 करोड़ रुपये खर्च करने वाली है. (Zeebiz)
सरकार चालू वित्त वर्ष में स्वास्थ्य क्षेत्र पर 94,452 करोड़ रुपये खर्च करने वाली है. (Zeebiz)
Budget 2021: कोरोना वायरस महामारी (Covid-19 Pandemic) के बीच सरकार ने अगले वित्त वर्ष में स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च को दोगुना से अधिक कर दिया है. सरकार ने हेल्थ सेक्टर पर 2.2 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव रखा है. इसके अलावा कुछ आयातित उत्पादों पर एक नया कृषि उपकर भी लगाया गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में आम बजट 2021 पेश करते हुए संकट से जूझ रही अर्थव्यवस्था को उबारने, देश में विनिर्माण गतिविधियों को प्रोत्साहन देने तथा कृषि उत्पादों के बाजार की मजबूती के उपायों की घोषणा की. बजट में कपास से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक विभिन्न उत्पादों पर आयात शुल्क भी बढ़ाने की घोषणा की.
अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने सेवानिवृत्ति कोष (भविष्य निधि कोष) पर कर-मुक्त ब्याज की सीमा को सालाना 2.5 लाख रुपये तक सीमित कर दिया है. हालांकि, अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) पर कर छूट देने की घोषणा की है बशर्ते व्यक्ति निर्धारित प्रकार खर्च के यात्रा खर्च किए हों.
TRENDING NOW
सर्राफा, शराब, कोयला और सेब से लेकर दाल तक कृषि उत्पादों पर मंगलवार यानी कल से सीमा शुल्क पर एक नया कृषि संरचना एवं विकास उपकर लगाया जाएगा. हालांकि, उपभोक्ताओं पर बोझ को कम करने के लिए इन उत्पादों पर सीमा शुल्क या आयात शुल्क घटाया गया है.
वित्त मंत्री ने पेट्रोल पर 2.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 4 रुपये प्रति लीटर का उपकर लगाने की भी घोषणा की है. लेकिन उपभोक्ताओं को इस उपकर के बोझ से बचाने के लिए इसी अनुपात में उत्पाद शुल्क में कटौती का भी फैसला किया है.
इसके अलावा एक साल में 50 लाख रुपये से अधिक का सामान खरीदने पर 0.1 प्रतिशत का टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) लगाया जाएगा. इस कटौती की जिम्मेदारी उस व्यक्ति पर होगी जिसका कारोबार 10 करोड़ रुपये से अधिक होगा.
सस्ते मकानों की खरीद को प्रोत्साहन देने के लिए वित्त मंत्री ने आवास ऋण के भुगतान पर 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त कटौती का दावा करने की अवधि को एक साल बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 कर दिया है.
सरकार ने करदाताओं को राहत देते हुए कहा है कि लाभांश आय पर अग्रिम कर देनदारी लाभांश की घोषणा या भुगतान के बाद ही बनेगी. इसके साथ ही स्टार्ट-अप के लिए कर अवकाश या छूट को एक साल बढ़ाकर 31 मार्च, 2022 तक कर दिया गया है.
वित्तमंत्री ने लोकसभा में बजट संबोधन में कहा कि अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 6.8 प्रतिशत के बराबर रह सकता है. चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 3.5 प्रतिशत के लक्ष्य की तुलना में 9.5 प्रतिशत पर पहुंच जाने का अनुमान है.
बजट में स्वास्थ्य पर जीडीपी के एक प्रतिशत के बराबर खर्च करने का प्रस्ताव किया गया है. कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये टीकाकरण अभियान और देश में स्वास्थ्य प्रणाली को बेहतर बनाने पर 2.23 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव किया.
सरकार चालू वित्त वर्ष में स्वास्थ्य क्षेत्र पर 94,452 करोड़ रुपये खर्च करने वाली है.
बजट में सूती, रेशम, मक्का छिलका, चुनिंदा रत्नों व आभूषणों, वाहनों के विशिष्ट कल-पुर्जों, स्क्रू व नट आदि पर सीमा शुल्क बढ़ाये गये हैं. इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में मूल्य वर्धन को बढ़ावा देने के लिये प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली, वायर व केबल, सोलर इनवर्टर और सोलर लैंप पर भी सीमा शुल्क बढ़ाये गये हैं. नेफ्था, लौह व इस्पात कबाड़, विमानों के कल-पुर्जे तथा सोना-चांदी पर सीमा शुल्क कम किया गया है.
वित्त मंत्री ने गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) के बोझ से दबे तथा देश की आर्थिक वृद्धि को नीचे खींच रहे सरकारी बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के लिये 20 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए. बजट में जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) समेत सार्वजनिक उपक्रमों के शेयरों की बिक्री और निजीकरण के जरिए अगले वित्त वर्ष में 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है.
Zee Business App: पाएं बिजनेस, शेयर बाजार, पर्सनल फाइनेंस, इकोनॉमी और ट्रेडिंग न्यूज, देश-दुनिया की खबरें, देखें लाइव न्यूज़. अभी डाउनलोड करें ज़ी बिजनेस ऐप.
ज़ी बिज़नेस LIVE TV यहां देखें
05:26 PM IST